ट्रेन की यात्रा हमें कितना कुछ दिखाती चलती है! ट्रेन की यात्रा हमें कितना कुछ दिखाती चलती है!
एक साधारण सा दिखने वाला जीवन जीना भी कितना सरल है? एक साधारण सा दिखने वाला जीवन जीना भी कितना सरल है?
बंटते-बंटते हम कितना बंट गए इंसानियत की राह में बिल्कुल सिमट गए। बंटते-बंटते हम कितना बंट गए इंसानियत की राह में बिल्कुल सिमट गए।
फ्यूज़न फ्यूज़न
बरसात कहो या वर्षा कोई फर्क नहीं दिल जानी हमारी तो है दुनिया में बरसात की सबसे अलग बरसात कहो या वर्षा कोई फर्क नहीं दिल जानी हमारी तो है दुनिया में बरसात की...
चाहत नहीं खेल खेला बस। चाहत नहीं खेल खेला बस।